छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के नाम पर ग्राम पंचायतों को उठाना पड़ रहा है आर्थिक बोझ?

जी हां ब्यूरोक्रेसी से पॉलिटिक्स में आए, पूर्व निरीक्षक रह चुके 30 साल तक सेवा करने के बाद अब जन सेवा में आए बोधन साहू ने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक पर तीखी प्रतिक्रिया दिए ,गांव-गांव में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के नाम पर चल रहा खेलों में व्यास अनियमितता एवं आर्थिक रूप से ग्राम पंचायतों का किए जा रहे शोषण पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राजिम भक्तिन मंदिर समिति के उपाध्यक्ष एवं सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्ति भाजपा नेता बोधन राम साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल के चलते ग्राम पंचायतों को हजारों रुपए का चूना लगाने का खेल बिना बजट के करा कर राज्य सरकार पंचायतों को चुना लगा रही है।राजीव युवा मितान क्लब को जारी राशि का उपयोग करने को पारदर्शिता नहीं है। उन्होंने छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल के नाम से राज्य सरकार ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष हजारों रुपए का चूना लगा रही है। पंचायतों के पास ओलंपिक खेल में खर्चा करने के लिए कोई बजट नहीं है और ना हीं राज्य सरकार का कोई राशि उपलब्ध करा रही है। फिर भी छत्तीसगढ़िया ओलंपिक खेल करा कर पंचायतों को प्रतिवर्ष मोटी रकम का चुना लगाया जाता है। श्री साहू ने कहा कि शुरुआत में ग्राम स्तर का खेल होता है वहां से पंचायतों को चूना लगाने का सिलसिला चालू होता है। उसके पश्चात जोन में जोन से, ब्लॉक में ब्लॉक से, जिला में जिला से राज्य में सभी जगह खिलाड़ियों को लाने ले जाने आदि व्यवस्था पंचायतों के माथे मड़ दिया जाता है। अधिकारियों और नेताओं के दबाव में मजबूरन पंचायतों को सारा खर्चा उठाना पड़ता है। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के लिए राज्य सरकार की ओर से पंचायत को कोई राशि उपलब्ध नहीं कराया जाता। बल्कि सचिव सरपंच को दबाव बनाकर मोटी रकम का पंचायत को चुना लगाया जाता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार अपने कार्यकर्ताओं द्वारा राजीव युवा मितान क्लब का गठन करवाकर कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने का प्रयास कर रही है। राजीव युवा मितान क्लब को जारी की गई राशि में कोई पारदर्शिता नहीं है। राजीव युवा मितान के नाम से कार्यकर्ताओं को लाभ पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। बोधन राम साहू ने कहा कि खिलाड़ियों के प्रतिभा का सम्मान होना चाहिए और खिलाड़ियों को उनके प्रतिभा को आगे बढ़ाने के लिए अवसर मिलना चाहिए। लेकिन राज्य सरकार ना तो खिलाड़ियों के लिए कोई आवश्यक व्यवस्था कर रही है और ना ही पंचायतों को कोई राशि उपलब्ध करा रही है। अगर वास्तव में राज्य सरकार खिलाड़ियों के प्रतिभा का सम्मान करना चाहती है तो खिलाड़ियों की आवश्यकता की पूर्ति करें और पंचायतों को राशि उपलब्ध कराएं जिससे पंचायतों को कोई आर्थिक नुकसान ना हो और प्रतिभागियों के लिए पंचायत पर्याप्त व्यवस्था कर सके।

guruglobal

Learn More →

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *