न्यू राजनीति विशेषज्ञ गोल्डन कुमार की रिपोर्ट:-बस्तर सांसद दीपक बैज छत्तीसगढ़ कांग्रेस इकाई के प्रदेश अध्यक्ष बनते ही अब छत्तीसगढ़ में पूरा संदेश चला गया कि अब नया कांग्रेस है न्यू कांग्रेस है, छत्तीसगढ़ के अब तक जितने भी चुनाव देखें तो बस्तर ही हार और जीत का फैसला करता है, लेकिन सरगुजा संभाग टी एस बाबा को उपमुख्यमंत्री एवं ऊर्जा विभाग दे करके अपना स्थिति मजबूत कांग्रेस पार्टी कर लिया है,बाकी संभाग दुर्ग रायपुर सरगुजा, कांग्रेस तो कहीं भाजपा जीत होती रहती है यानी यहां की सीटें भाजपा और कांग्रेस में परिवर्तन होते ही रहती है, 2018 चुनाव देखें तो भाजपा के 15 सालों के कार्यकाल का भारी एंटी इनकंबेंसी थी, जनता ऊब गए थे इस कारण उनको करारी हार मिली थी, भाजपा टिकट वितरण में भी बहुत गलती की थी, देश की दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी को इतना ही मालूम नहीं चला कि सरकार तभी रिपीट करती है जब विधायकों के कार्यकाल से जनता प्रभावित ना हो, भाजपा ने वही विधायक को पुनः टिकट दे दिए जिन से काफी नाराजगी थी कार्यकर्ताओं में नाराजगी थी, भाजपा ने टिकट तो दिया लेकिन उनके कार्यकर्ताओं ने उनको सपोर्ट नहीं किया। अंदर और भितरघात से उनको हरवा दिए, फिर भी कुछ सीटें जनता कांग्रेस (जोगी )के कांग्रेस के वोट इधर-उधर होते ही एवं कुछ सीटों पर उतना असर नहीं हुआ इस कारण 15 सीट पर जीत हासिल हुई भाजपा की, जनता कांग्रेस (जोगी)के वोटों बटवारा का फायदा भाजपा को मिला, एवं कांग्रेस के बागी उम्मीदवार काफी फायदा मिला जैसे भाजपा के अजय चंद्राकर, की जीत हुई, भाजपा और कांग्रेस में जीत का अंतर काफी कम अंतर रहा है, वही 15 सीटों में जिसमें भाजपा की जीत हुई। बस्तर सांसद दीपक बैज को इसलिए प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दिए गए क्योंकि वह फिलहाल सांसद हैं, आदिवासी चेहरा है और पूरे प्रदेश भर में पार्टी संगठन के लिए काम कर सकते हैं, बस्तर एवं छत्तीसगढ़ के आदिवासी आरक्षण सीटों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी GGP)एवं आदिवासी समाज ने अपना उम्मीदवार उतारने का फैसला किए हैं उसका विकल्प एवं मजबूत विकल्प आदिवासी चेहरा बस्तर से मोहन मरकाम के कैबिनेट में जगह, एवं प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज अपना संदेश दे सकते हैं। फिलहाल कांग्रेस मजदूरों एवं किसानों के लिए काम करके कई महत्वपूर्ण योजनाओं निकाल कर के कांग्रेस की स्थिति मजबूत है, फिलहाल छत्तीसगढ़ का माहौल कांग्रेस के खिलाफ नहीं है, अगर कांग्रेस 2018 भाजपा की तरह टिकट वितरण में भाजपा की तरह गलती ना करें, कांग्रेस की सरकार ऐसी संभावना है पुनः रिपीट कर सकती है। गरियाबंद जिले के एकमात्र आरक्षित विधानसभा सीट वृंदा नवागढ़, 2018 के कांग्रेस के लहर के बावजूद भी यह सीट कांग्रेस निकाल नहीं पाई, यहां त्रिकोणीय मुकाबला हुआ था, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी GGP)वोटों के परिवर्तन होने के कारण भाजपा को जीत मिली, उदाहरण के लिए ऐसी सीटें को कांग्रेस को टिकट वितरण में भारी आत्ममंथन एवं सोच समझ कर फैसला लेना होगा और गुटबाजी भी दूर करनी होगी, एवं गोंडवाना गणतंत्र पार्टी विकल्प के रूप में पब्लिक में ना हो, उनके नेताओं को जो भी कमियां है उसे पूरा करके उनके समस्याओं को समाधान करके या उन्हें मौका दे कर के समझौता करके यह सीट निकल सकती है। एवं ऐसे सीटों को कांग्रेस सरकार को पुनः सरकार में रिपीट करना है जहां कोई विरोध नहीं है कोई अन्य दावेदार नहीं है, ऐसे सीटों को सबसे पहले उम्मीदवार घोषित करने में पार्टी को फायदा है, एवं ऐसे सीटों को चिन्हित करना चाहिए जहां अधिक से अधिक दावेदार आ रहे हैं वहां के दावेदारों में आपसी सहमति लेकर के अपने बातों को रख सके पार्टी के बीच रख सके ऐसे को बैठक बैठक में पार्टी एवं संगठन उनका इंटरव्यू एवं पार्टी के लिए कार्य एवं कार्य निष्ठा समझ सके। पार्टी के दावेदारों में आपसी विरोधाभास ना हो यह तय करना होगा।


कोई भी पार्टी टिकट वितरण से पहले जीत की जीत की संभावना पर टिकट वितरण करती है, जिसमें देखती है संबंधित कैंडिडेट का वोटों का समीकरण कितना है उनका पकड़ पब्लिक बीच कितना है, एवं संबंधित निष्ठावान कार्यकर्ता भी देखती है कहीं चुनाव जीतने के बाद पलट भी ना सके, क्योंकि ऐसा देश में हो चुका है, पार्टी के बम संगठन के अनुशासन में काम कर सके, छत्तीसगढ़ में देखें तो कांग्रेस पार्टी, वरिष्ठ नेताओं को सम्मान करते हुए उनके मार्गदर्शन में चुनाव लड़ेगी, पार्टी उदयपुर शिविर में बने नियमावली पर चलेगी, एवं रायपुर में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में लिए गए फैसलों पर ही काम करेगी, आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पुराने और नए पीढ़ी पार्टी के भविष्य पर आने वाले समय में पार्टी को संभाल सके नए कार्यकर्ता को भी मौका दे सकती है, पार्टी की नई रणनीति महिला ,दलित पिछड़ा वर्ग आदिवासी एवं सामान्य वर्ग को उचित सम्मान के हिसाब से चुनाव मैदान में उतरेगी। कांग्रेस को पांचो राज्य में सफलता मिलती है तो उनका, मनोबल अच्छा रहेगा आने वाला लोकसभा चुनाव के लिए उसी रणनीति पर चुनाव मैदान में उतरेगी। ताकि आने वाले समय में कांग्रेस दिल्ली में सरकार बना सके और अपना, खोया हुआ जनादेश फिर से प्राप्त कर सके वही रणनीति पर काम करेगी।