समाजशास्त्री गोल्डन कुमार:_देश में कई प्रेम विवाह के मामले सामने आ रहे हैं, कानून तो सबको पता है, नियम सबको पता है, क्योंकि कानून धर्म और जाति नहीं देखता, माननीय न्यायालय ने तो लिविंग रिलेशनशिप को भी सहीं कर दिया है , समाज को बहुत बुरा असर पड़ रहा है ,नए कानून में तो लड़की का उम्र भी बढ़ा दिया है ताकि लड़की अच्छा से पढ़ सके 21 वर्ष कर दिया गया है। इतिहास में पहले भी ऐसी घटनाएं होती थी लेकिन अब मोबाइल के आ जाने से यह मामला काफी तेजी से बढ़ रहा है, इसमें निष्कर्ष निकालने पर सबसे पहला दोषी पालक ही है, जो अपने बच्चों को मोबाइल दे देते हैं ताकि संपर्क कर सके, मोबाइल ठीक उसी प्रकार का है जैसे माचिस, चाहे तो माचिस से आग लगाओ या, या उसका कुछ सही उपयोग करो इसका दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है, इसमें दूसरा दोषी भारत सरकार है, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जिम्मेदार है, क्योंकि अश्लीलता भी जिम्मेदार है क्योंकि अश्लीलता सीधे मोबाइल से खुल जाते हैं और युवाओं को उत्तेजित करते हैं और युवाओं को प्रभावित करते हैं, पर पॉलिटिकल पार्टियां समाज कहां से बिगाड़ा है इसको नहीं देखते, वर्तमान की घटनाओं को अलग-अलग तर्क देकर के मामले को और बढ़ा देते हैं। भारत में भले ही संस्कृति की बात करते हैं, लेकिन देश के पार्लियामेंट में कहीं माननीय सांसद भी इस पर आवाज उठा चुके हैं अश्लीलता को बंद करने का बात कह चुके हैं लेकिन कई चीजें कमजोरियां है क्योंकि गूगल पर सीधा नियंत्रण भारत का नहीं है, लेकिन भारत सरकार चाहे तो यह रोक सकती है, भारत में सारे वेबसाइट को बंद किया जा सकता है जो अश्लीलता परोस रही हैं,। भारत के सोशल साइट को दुनिया केवल बिजनेस के जरिए से ही देखती है और इसमें बिजनेस है धंधा है पर गंदा है। आज सबसे बड़े सोशल साइट ट्विटर को देख लो बड़े-बड़े हस्ती इसको यूज़ करते हैं लेकिन अब उनका सीईओ बदलते ही हर महीने बुलू टिक के लिए पैसा पटाओ यानी वह धंधा बन चुका है,। यानी पैसा जमा करोगे तो किसी को भी ब्लू स्टार दे सकते हैं। आदमी को वेरीफाई करना मुश्किल हो जाता है। देश में तलाक के भी कई मामले सामने आ रहे हैं, कोई पति से पीड़ित है तो कोई पत्नी से पीड़ित है, क्योंकि यह कलयुग है, और कलयुग अभी शुरू हो रहा है आने वाला समय में ऐसा लगता है कोई जाति धर्म नहीं रहेगा, क्या सरकार को भी जाति प्रमाण पत्र बनाना बंद कर देना चाहिए,? फिलहाल बंद होना मुश्किल है क्योंकि जाति एक प्रकार का वोट बैंक है,।
ईमेल एड्रेस से भले ही गूगल यूज कर रहे हैं आपके मोबाइल के बारे में सारी जानकारियां हैं, बिना परमिशन के फेसबुक में अश्लील विज्ञापन आ जाते हैं पर इसका कोई विरोध नहीं करते, आपके पोर्टल वेबसाइट न्यूज़ में बिना परमिशन के गूगल अश्लील विज्ञापन डाल देता है इसका कोई विरोध नहीं करते अब विरोध कहां से करेंगे क्योंकि पैसा मिलता है, हम भी पोर्टल वेबसाइट यूज करते हैं लेकिन हम नहीं चाहते कि हमारे वेबसाइट पर गूगल जबरदस्ती बिना परमिशन के अश्लील विज्ञापन डालें, जैसे अन्य मीडिया वालों के चैनल में आता है। गुरु ग्लोबल न्यूज़ बिना गूगल के अपना एकाधिकार चाहता है इस पर हम कोशिश करेंगे? हम नहीं चाहते कि हमारे वेबसाइट पर गूगल बिना परमिशन के कोई अश्लील फोटो डालें। इसलिए हमारी न्यूज़ पर हम अपना ही फोटो डालते हैं। क्योंकि मालिक बनो नौकर नहीं, किसी दूसरे का आर्डर क्यों फॉलो करें,