ST_SC एक्ट कानून को बढ़ावा देने में बीजेपी और आरएसएस के मनुवादी सामंतवादी सोच वाले जिम्मेदार?

सबसे पहले स्पष्ट कर देते हैं देश की प्रिंट मीडिया एवं डिजिटल मीडिया पूरे सामंतवादी एवं मनुवादी सोच वाले के कब्जे में है, लेकिन श्री गुरु ग्लोबल न्यूज़ स्पष्ट कर देते हैं यादव है और सामाजिक न्याय की हमेशा बात करते हैं, एससी एसटी ओबीसी, शोषित समाज की बात करते हैं,। इधर खबर आ रहा है कि मध्य प्रदेश से बीजेपी विधायक कोई शुक्ला का विधायक प्रतिनिधि शुक्ला आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करते सिगरेट पीते हुए फोटो वीडियो आया, जब विरोध हुआ आवाज उठा तो पुलिस के कब्जे में है सलाखों के पीछे में है जरूर उन पर एससी एसटी एक्ट लगा हुआ होगा इसमें दो मत की बात नहीं है, एससी एसटी एक्ट का कानून में पिछड़ा वर्ग के लोग भी पीड़ित हैं, लेकिन वह कानून इसलिए नहीं हट रहा है और हटाना नहीं चाहते क्योंकि यही तो होगा फिर, और अन्याय करना शुरू कर देंगे, क्योंकि इतिहास में यही होता रहा है, एससी एसटी एक्ट को बढ़ावा बीजेपी के मनुवादी एवं सामंतवादी सोच वाले, बढ़ावा देने के लिए यही लोग जिम्मेदार हैं, इससे पीड़ित पिछड़ा वर्ग समाज भी है, यही बीजेपी के मनुवादी सामंतवादी विचारधारा वाले दलित को घोड़ी चढ़ने नहीं देते मूंछ रखने नहीं देते, आदिवासी के ऊपर पेशाब करने का वीडियो आता है, एक तरफ यही लोग सोशल मीडिया में ट्रेड चलाते हैं एससी एसटी एक्ट बेकार कानून है पीड़ित अपर कास्ट है,। उनसे हम यही कहते हैं पहले अपने समाज को सुधारी है नहीं, समाजवाद की बात कीजिए सामाजिक न्याय की बात कीजिए पर वैसे नहीं करते है और वैसे करते नहीं हैं, ऐसा करने वालों के खिलाफ कानून सख्त से सख्त कार्रवाई करें। लेकिन इस खबर को गोदी मीडिया नेशनल मीडिया राष्ट्रीय मीडिया खबर कवरेज बहुत कम करते हैं काट कर के दिखाते हैं, लेकिन प्रवेश शुक्ला की जगह परवेज़ मोहम्मद होता तो इसको मुत्र जिहाद घोषित कर देते,, हिंदू-मुस्लिम कर देते और देश के खिलाफ माहौल बना देते मुस्लिम के खिलाफ माहौल बना देते, अब यही काम मीडिया कर रही है जो मनुवादी सामंतवादी सोच वाली मीडिया है यही काम करती है, जिसको गोदी मीडिया भी कह सकते हैं। ऐसा ही मामला बिहार में आया दबंग ठाकुर ने यादव युवक के ऊपर, मारपीट किया थूक़ चटवाया आधा बाल छिलवार करके छोड़ दिया, बिहार में तो खैर यादव की अच्छी खासी आबादी है, आसपास के जिलों से बड़े-बड़े गाड़ी में यादव समाज आ गए, उसके गांव में पहुंच करके लाठी और डंडों से तोड़फोड़ किए, विरोध प्रदर्शन किये, कई नामजद आरोपी हो गए जो कानून अपने हाथ में लिए लेकिन हम सब कार्य का समर्थन नहीं करते कानून समय में न्याय करती पुलिस समय पर कार्रवाई करती तो यह चीजें नहीं होती, पुलिस प्रशासन में भी सामंतवादी मनुवादी सोच वाले भी हो सकते हैं इसमें दो मत की बात नहीं है,। जब खबर मीडिया में हाईलाइट होता है दबाव होता है तब कार्रवाई होता है। बिहार पुलिस का तो आरोपियों, के साथ क्रूर चेहरा आज से 40 साल पहले आया था आंखफोड़वा कांड जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थी , यह समाचार देख करके उनको उल्टी आ गया था,।मामला पूरा इंटरनेशनल हो गया, जिसमें अजय देवगन की जबरदस्त फिल्म गंगाजल बनी थी, जब शोषित समाज हथियार उठा लिए शोषित समाज हथियार उठा लिए तो उनके आंखों में तेजाब डालकर फोड़ा गया ,और इस पर न्यूज़ चलाएंगे क्योंकि कई बहुत लंबा न्यूज़ है। उस समय के कांड वाले पीड़ित आज भी है और फिलहाल पेंशन मिल रहा था वह भी बंद हो गया। यह घटना लालू यादव के कार्यकाल के 10 साल पहले की है। उस समय बिहार में जंगलराज था आज नहीं, अब मनुवादी सामंतवादी बिहार में अपना फंन उठाने की हिम्मत नहीं होती क्योंकि जानते हैं,।

यही देश की सबसे बड़ी मनुवादी सामंतवादी सोच वाली न्यूज़ जब अतीक अहमद गुजरात जेल से, यूपी लाया जा रहा था तो लाइव प्रसारण कर रहे थे, यही सब चीज दिखा रहे थे, देशभर को यही दिखा रहे थे, अब मीडिया को इसमें कोई शर्म नहीं, लज्जा कहां से आएंगे मनुवादी एवं सामंतवादी सोच वाले जो मीडिया चैनल है, लेकिन इसको देखो आदिवासी युवक के ऊपर पेशाब करने का न्यूज़ कौन-कौन से मीडिया चैनल में चलाया है बहुत कम केवल सोशल मीडिया में चला है वे पोर्टल न्यूज़ में चला है,।

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