वंदे भारत ट्रेन वैसा ही है, बाल कटवाना है तो गांव का नाई होता है, वह तुम्हारा बाल काटेगा लेकिन जमीन में बैठा कर, वह आपका बाल काटने का किराया ₹10 लेगा, एक बीजेपी का बिजनेस वाला नाई है , एयर कंडीशनर में बैठा आएगा फर्स्ट क्लास कुर्सी में बैठ आएगा बाल काटेगा वह ₹100 लेगा, वैसा ही बंदे भारत ट्रेन है, अब जिसको बाल ही कटवाना है कहां कटवा आएगा गांव के नाई पास या एयर कंडीशनर वाला नाई के पास, बीजेपी का कई लोग कहते हैं व्यापारियों से जुड़ी हुई पार्टी है उनका जो भी योजनाएं देखोगे तो बिजनेस रहता है जैसे अंग्रेजों ने यहां आने के बाद बिजनेस कीये, अंग्रेज केवल भारत में व्यापार के लिए ही आए थे और कई सालों तक व्यापार ही करते रहे और यहां से शोषन होते रहा और यही बीजेपी कर रही है, इनके कई योजनाएं देखो तो केवल सोशल ही है जैसे उदाहरण के लिए उज्जवला योजना कुछ रुपए का चूल्हा और सिलेंडर मुफ्त में दे दिया और हितग्राही के कई बार गैस कनेक्शन भर मरने के बाद वह पैसा वसूल लिया,₹500 का सिलेंडर 12सौ में मिल रहा है बाकी ₹700 बढ़ा करके चूल्हा और सिलेंडर मुक्तक देकर उसी से वसूल लिया और उपभोक्ता को पता ही नहीं चला और समझ से बाहर है वैसा कई योजना है, इसका बचने का एक ही उपाय है या बीजेपी को सत्ता से बाहर करो, नहीं कर सकते तो बीजेपी का ट्रैक अपना आत्मनर्भर भारत, बाल कटवाना है तो खुद मशीन रख लो जिलेट गार्ड का उपयोग दाढ़ी बनाने के लिए करो खाना बनाने के लिए किसान हो तो गोबर गैस गोबर के कंडे का इस्तेमाल करो इसके अलावा कोई उपाय नहीं है या बचत करो पेट्रोल मंहगा है तो साइकिल चलाओ, बीजेपी के युग में दूध सस्ता और दारू मंहगा, बीएसएनएल का हालत खराब और आटा महंगा अब डाटा भी महंगा, 2024 में अगर बीजेपी फिर सत्ता में आ गए तो आपके साथ क्या होगा? पूरा सिस्टम कॉरपोरेट पूंजी पति के पास चला जाएगा डर इसी बात का है, अनाज तिजोरी में बंद हो जाएंगे जैसे आज सब्जियों के साथ हो रहा है, भाव सरकार तय नहीं बीजेपी के पूंजीपति करेंगे,,पटना से राँची के लिए वन्दे भारत ट्रेन शुरू की गई है।AC Chair Car का किराया ₹1025 जबकि Executive Chair Car का किराया ₹1930 है। यात्रा पूरी होने में 6 घंटे का समय लगता है।पटना से राँची के लिए जनशताब्दी भी चलती है।Chair Car का किराया ₹195 जबकिAC Chair Car का किराया ₹650 है। यात्रा पूरी होने में 7.45 घंटे का समय लगता है।वन्दे भारत में केवल 1.45 घंटे का समय कम लग रहा है लेकिन किराया लगभग 300% अधिक है। भारत के रेल यात्रियों ने समय के साथ देर चलने वाली रेलगाड़ियों से समझौता पहले से कर लिया है। दूसरी तरफ़ पेट पर लात पर ही रही है। अब पंत प्रधान अपने सुकुमार ट्रेन को हिट कराने के चक्कर में जनशताब्दी को बंद न करवा दे। हमसफ़र जैसी घटिया ट्रेन को लॉंच कर के गरीब रथ को पहले ही कई रूटों में बंद कर दिया गया है। गरीब रथ का किराया भी अन्य ट्रेनों की थर्ड एसी से लगभग 30 फ़ीसदी कम था।
यह गरीब आदमी है इनके हालत के लिए यह स्वयं यही लोग जिम्मेदार है जब इलेक्शन होता है तो धर्म के नाम पर वोटिंग करते हैं, बेहतर पॉलिसी पर वोटिंग नहीं करते कौन-कौन कॉर्पोरेट के लिए काम कर रही है और कौन किसान के लिए काम कर रही है कौन मजदूर के लिए काम कर रही है यह कभी नहीं समझ पाते। इनको चुनाव में बिल्कुल मूर्ख बनाया जा सकता है, वैसा ही है जैसे भेड़ को कह देंगे तुम को ठंडे में कंबल देंगे लेकिन बाल उसी का कटना है।