यह देख कर बहुत दुःख हुआ कि कल जब PM मोदी अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर पहुंचे तो उनकी अगवानी के लिए न तो बाइडेन सरकार का, और न ही वहां की आर्मी का कोई बड़ा अधिकारी आया. जबकि राष्ट्रपति ओबामा और डोनाल्ड ट्रम्प के भारत आगमन पर मोदी जी स्वयं एयरपोर्ट पर उन्हें लेने के लिए पहुंचे थे.आपको शायद याद हो कि जब पूर्व प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी अमेरिका की राजकीय यात्रा पर थे, तब उनके पहुंचने पर अमेरिका द्वारा उन्हें ‘गार्ड ऑफ़ ऑनर’ दिया गया था.और यह तो सर्वविदित है कि पंडित जवाहर लाल नेहरू जी इकलौते भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिन्हें दो बार एयरपोर्ट पर लेने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति पहुंचे थे. पहली बार 1949 में राष्ट्रपति ट्रूमन पंडित नेहरू की एयरपोर्ट पर अगवानी करने आए और फिर 1961 में तत्कालीन राष्ट्रपति केनेडी आए और वहां से पंडित नेहरू और प्रेसिडेंट केनेडी ने एक साथ उनके आधिकारिक हवाई जहाज़ ‘एयर फ़ोर्स-1’ में वॉशिंगटन तक की यात्रा की.शायद यह बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि पंडित नेहरू इकलौते ऐसे वैश्विक नेता हैं जो 1956 में तत्कालीन राष्ट्रपति आयज़ेनहॉवर के फार्महाउस में उनके ‘व्यक्तिगत अतिथि’ के रूप में रुके थे.अमेरिका और चीन की सर्वविदित कटुता के बावजूद, अभी हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्री ऐंटनी ब्लिंकेन खुद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहुंचे थे.आपको पंडित नेहरू की ये स्पीच ज़रूर सुननी चाहिए जो उन्होंने अमेरिका पहुंचने पर दी थी. तब समझ में आएगा कि एक विश्वस्तरीय राजनेता का आचरण क्या होता है.

ट्विटर के पूर्व सीईओ ने आरोप लगाया किसान आंदोलन के समय मोदी सरकार ने किसान आंदोलन के समर्थक यूज़र को न दिखानेऔर उनके मैसेज को हटाने संबंधित आरोप एवं भारत में मोदी सरकार है मीडिया पर जिस प्रकार दबाव और अपने नियंत्रण में कर चुकी है और अपने खिलाफ कुछ भी समाचार आने से रुकती है यह चिंताजनक है और पूरे देश को विश्व को मालूम है। मोदी सरकार भारत में जिस तरह काम कर रही है यह लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है और पूरे विश्व को अब मालूम हो चुका है।