आज से ठीक 10 _11 साल पहले की बात है, सन20013_14, छुरा विकासखंड अंतर्गत एक ही राष्ट्रीय कृत बैंक था, एसबीआई यानी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, शाखा छुरा, वह उस समय आलतू फालतू आदमी का या उससे पहले खाता खुलता ही नहीं था, उस समय केवल हमारे पास पोस्ट ऑफिस का खाता था जिसमें मनरेगा का पैसा चेक आता था और निकासी होता था, हमारे साथ-साथ लोगों का मनरेगा का पैसा निकालने में बहुत दिक्कत होता था कई सरकारी चीजों में पैसा निकालने में आम लोगों को भी परेशानी होती थी, एक बार एसबीआई में खाता खोलने गए तो मैनेजर खाता खोला ही नहीं, मैनेजर ने हमसे कहा खाता क्यों खोल रहे हो ?कितना कमाते हो,? हमने कहा रोजगार गारंटी में मिट्टी खोदते हैं, पोस्ट ऑफिस में दिक्कत होता है, फिर मैनेजर ने हमसे कहा और कुछ काम नहीं करते पैसा का अन्य साधन आने का नहीं है तो यहां नहीं खुलेगा खाता,, मनरेगा का पैसा सरकार केवल पोस्ट ऑफिस में ही रखा है ऐसा नियम नहीं है, फिर कुछ महीने के बाद विकासखंड छुरा अंतर्गत एक और नया बैंक आया उसका नाम था देना बैंक, समय की जरूरत की सबसे बड़ा बैंक सही समय पर आया और बहुत लोगों का खाता खोला, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एसबीआई जैसा नौटंकी करने वाला बैंक नहीं था जो खाता खोलने के लिए कमजोर आदमियों को बहुत काम करता था, जन धन योजना आने से पहले यहां बहुत लोगों ने खाता खुला, फिर 2013 में बाबा रामदेव काला धन वाला और भारतीय जनता पार्टी का 15लाख़ का जुमला आया,, कमल में बटन दबाएंगे भाजपा जीतेगी और हमारे खाता में 1500000 आएगा हमको यकीन हो गया, बिल्कुल भरोसा भी हो गया और अन्य लोगों को बिल्कुल प्रेरित करते थे, मोदी को जिताना है प्रधानमंत्री बनाना है स्विजरलैंड स्विस बैंक से काला धन लाएगा और सबके खाते में डालेगा, 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनते ही स्वच्छ भारत के लिए झाड़ू उठाया और जीरो बैलेंस में खाता खुलवाने के लिए जन धन योजना शुरू किया तो हम को बिल्कुल ऐसा लग रहा था कि 15लाख़ अब जरूर आएगा। फिर ग्राम पंचायतों में सभी लोगों का मुक्त में खाता खोलने लग गया, हमारा देना बैंक शाखा छुरा में पहले से ही खाता था, फिर हमको लगा मोदी हमने पैसा 1000₹जमा कर 2013 में खाता खुलवाया थे उसमें 1500000 डालेगा या जनधन खाता में डालेगा, हमारा वहां डबल खाता खुल गया, फिर बैंक को पता चला इसका दो ठो खाता खुल गया, बैंक मैनेजर ने हमसे कहा एक खाता को बंद कराने का एप्लीकेशन दो, हमने बैंक मैनेजर से कहा 1500000 जनधन खाता में आएगा या पैसा देकर खुलवाए हैं उसमें आएगा। फिर बैंक मैनेजर हंसने लगा और कुछ नहीं कहा, एक ही खाता में आएगा, दोनों खाता रहेगा तो गड़बड़ होगा आएगा भी नहीं फिर हमने एक खाता को बंद करवाने का एप्लीकेशन दिया। देना बैंक का खाता नंबर हमें आज भी याद है, 157010035211,, आज देख रहे हैं देना बैंक का नामोनिशान ही नहीं है अब बैंक ऑफ बड़ौदा बन गया हरा कलर से भगवा कलर हो गया, बिना कुछ एप्लीकेशन दिए खाता नंबर ही बदल गया आईएफएससी कोड ही चेंज हो गया,, जब भी बैंक जाते हैं हमको 15लाख़ रुपए देना बैंक से लेना है,लेना है याद आ जाता है और भूल भी नहीं पा रहे हैं,। उस दिन से हमने संकल्प लिया है जिसने हमारे साथ छल किया 2024 के पार्लियामेंट इलेक्शन में भारतीय जनता पार्टी को, उससे बड़ा छल करने से करके बिल्कुल हराएंगे क्योंकि शेर है तो कोई सवा शेर भी होता है। हमारी सबसे बड़ी भूल कमल का फूल। बीजेपी को आम चुनाव में वोटों के लिए तरसाएंगे, 15 साल तक वापस सत्ता से आने से रोकने की बिल्कुल कोशिश करेंगे, पूरे देश को उस मुद्दे पर सफाई एक दिन जरूर देना पड़ेगा तभी फिर सत्ता में वापस आएगी ऐसा मजबूर कर देंगे। golden Kumar ✍????✍????✍????✍????✍????✍????✍????✍????✍????