कानून का हाथ ही नहीं दिमाग भी लंबा होता है यह पता चला जिला गरियाबंद में पुलिस लाइन में,, जिले के विभिन्न थानों में 35_2 आबकारी एक्ट के अंतर्गत, जप्त तक वाहनों का नीलामी का इश्तिहार आया, वाहनों के नंबर अलग-अलग वाहनों का निर्धारित दर पर नीलामी की प्रक्रिया होगी,, इसमें अधिकतर कमजोर वर्ग और जो जो नए वाहन लेने की क्षमता नहीं रखते, वही लोग देखने के लिए आ रहे हैं और खरीदने के लिए फॉर्म तक ले गए,, लेकिन जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन किस तरह जनता को गुमराह करती है यह सामने आया,, वहां जाने के बाद पता चला ₹5000 का पुलिस अधीक्षक गरियाबंद के नाम पर ड्राफ्ट बनाना है,, फिर खुद वाहन का नाम ट्रांसफर करवाना है, इंश्योरेंस करवाना है, 18 परसेंट जीएसटी देना है,, जो निर्धारित दर से अधिक दर में फॉर्म भरेगा उसी को मिलेगा, इसमें एक आदमी केवल एक ही वाहन ही भर सकता है,, हालांकि 5000 की बैंक ड्राफ्ट की राशि वाहन नहीं मिलने पर वापस कर दी जाएगी,, लेकिन ग्लोबल न्यूज़ की आपत्ति इसी बात पर है जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए जो भी चीजें थी, सूचना में दे देना चाहिए था,,

हम भी सोचे फिलहाल नए गाड़ी खरीदने की आर्थिक स्थिति नहीं है, नीलामी से अगर गाड़ी खरीदेंगे तो शासन-प्रशासन आरटीओ नाम ट्रांसफर खुद करा कर देगी पैसा बच जाएगा पर ऐसा नहीं है, यह होना चाहिए था, उसको अलग से पैसा देना है, चलो नैतिकता में बीमा इंश्योरेंस कराना खरीदार खुद कर सकता है लेकिन नाम ट्रांसफर प्रशासन को देना चाहिए था, क्योंकि नीलामी की प्रक्रिया प्रशासन करवा रही है। फिर 18 परसेंट जीएसटी देना है, 18 पर्सेंट जीएसटी तो नए वाहन के लिए होता है कैसे प्रशासन इसका नियम निकाली वह समझ से बाहर है, चलो 18 पर्सेंट जीएसटी केंद्र एवं राज्य सरकार के खाते में जाएगा?

जिला गरियाबंद के फिंगेश्वर थाना एवं राजिम थाना एवं पांडुका थाना, एवं थाना छुराअलग-अलग थानों में जाकर देखें तो गाड़ी का निर्धारित दर प्रशासन ने कैसे किया है यह समझ में नहीं आया कई गाड़ियों का अच्छा कंडीशन में भी निर्धारित दर कम रखा गया है और अच्छे कंडीशन के गाड़ियों का निर्धारित दर एक प्रकार का सही रखा गया है, जिनकी जो किस्मत में है गाड़ियां मिल सकती हैं यही लग रहा है क्योंकि गोपनीय रूप से अपना निर्धारित दर डालकर फॉर्म भरना है। हम भी फॉर्म भरने की तैयारी कर लिए हैं और भरेंगे क्योंकि जो हमारे पास गाड़ी है बहुत पेट्रोल में पैसा लग जाता है प्लीटेना गाड़ी चॉइस कीये है, पेट्रोल कम लगेगा और पैसा बच जाएगा गरीबी में आटा गीला नहीं होगा। क्योंकि हमको बहुत भ्रमण करना पड़ता है। कई वाहन चॉइस करने वाले आए लेकिन इस तरह नियम को देख कर के सब आलोचना कर रहे थे। इससे अच्छा पड़े रहने देते थाना में।