दुरुपयोग तो एसटी एससी एक्ट का भी हो रहा है, बीजेपी के बाहुबली सांसद है तो क्या पार्लियामेंट से हटा देंगे?

कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष एवं बीजेपी के बाहुबली सांसद, बृजभूषण सिंह जो टाडा केस के अंतर्गत, अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से संपर्क के आरोप में जेल भी काट चुके हैं,। उस समय के तत्कालीन प्रधानमंत्री रहे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई उनका लेटर सोशल मीडिया में काफी वायरल हो रहा है। बृजभूषण सिह के ऊपर उस समय के आरोप को तत्कालीन सरकार ने वापस लिया। कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के ऊपर खिलाड़ियों ने उस समय के यौन शोषण के आरोप लगाए हैं जिसको माननीय सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद काफी समय के बाद एफ आई आर दर्ज हुआ। बृजभूषण सिंह के ऊपर आरोप लगते हैं बृजभूषण अब बयान आया, पास्को एक्ट का दुरुपयोग हो रहा है इसको अब पार्लियामेंट से इसको हटा देंगे। पास्को एक्ट में यह है अगर पीड़िता नाबालिक है,, आरोपी के ऊपर यौन उत्पीड़न का आरोप लगता है तो उनके ऊपर मामला 376 के अंतर्गत कार्यवाही होती है, और मनोवैज्ञानिक ढंग से देखें तो ब्रिज भूषण सिंह की चिंता इसी बात की है। मतलब स्पष्ट होता है जब कानून का कार्यवाही खुद के ऊपर बिकता है तब कानून का एहसास होता है उससे पहले इस प्रकार का बयान और किसी भी प्रकार का टिप्पणी नहीं होता है। अगर बृजभूषण सिंह के बयान को तुलना करें अगर उनके हिसाब से पास्को एक्ट को गलत माने, एसटी एससी एक्ट में भी है। जिसको माननीय सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था, क्योंकि उसका दुरुपयोग के कई मामले सामने आए, बेबुनियाद आरोप पर कई लोग सजा काट चुके। इसमें अधिकतर प्रभावित पिछड़ा वर्ग मुस्लिम एवं सामान्य वर्ग के लोगों को काफी प्रभावित होती है। इसका न्यायिक प्रक्रिया इतना कठिन है काफी पीड़ित प्रभावित होते हैं। इसका सुनवाई अलग से न्यायालय होती है। और इनकी संख्या भी काफी कम है। एसटी एससी एक्ट एक प्रकार का वोट बैंक है इसको कोई भी पार्टी हटाना नहीं चाहती। सत्ता से बाहर होने का डर लगने लग जाता है। और नेताओं को इस एक्ट पर काफी दबाव रहता है। एसटी एससी एक्ट के बारे में किसी भी प्रकार का टिप्पणी करने में कोई भी नेता बचते हुए दिखाई देते हैं। एसटी एससी एक्ट उस समय काफी पीड़ित होते थे उस समय बनाया गया था, अब सामाजिक स्थिति परिस्थिति काफी बदल चुकी है समय में इसका संशोधन एक प्रकार का जरूरी भी है। इस पर बिना साक्ष्य के बिना जांच के कार्यवाही एवं f.i.r. दर्ज में कुछ संशोधन की जरूरत है। क्योंकि एसटी एससी एक्ट जाति के आधार पर बना है और देखें तो सामाजिक स्थिति में एक ही जाति है मनुष्य जाति, अब सामाजिक स्थिति और परिस्थिति बदल चुकी है। वर्तमान में जो सरकार है भाजपा सरकार उनका यही स्लोगन है सबका साथ और सबका विकास, तो एसटी एससी एक्ट में कहां सबका साथ और सबका विकास है यहां पर तो जाति के हिसाब से करवाई होती है। सभी पार्टियों को अपना वोट बैंक का चिंता है।

बीजेपी के विपक्ष में जितने भी राजनीतिक पार्टियां हैं खिलाड़ियों के समर्थन में अपना समर्थन दे रहे हैं, और यह सवाल भी उठ रहा है, भारतीय जनता पार्टी के, स्थापना करने समय के नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी उनके ऊपर हवाला में केवल डायरी में नाम आ जाने पर अपने पद से इस्तीफा दे दिए जब तक मैं इस मामले पर बरी नहीं हो जाता हूं पर पर नहीं रहूंगा। अब पूर्ण बहुमत में भाजपा की सरकार है और नैतिकता नाम की चीज है फिलहाल नहीं दिखाई दे रही है। बृजभूषण सिंह कुश्ती महासंघ से अपना इस्तीफा दे नहीं रहे हैं और बीजेपी की तरफ से उनको किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं बनाया जा रहा है। लेकिन यह मामला काफी सोशल मीडिया में चल रहा है। खिलाड़ियों ने अपना मेडल वापस करने के लिए कर रहे हैं और न्याय के लिए,लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

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