कर्नाटक से सत्ता विरोधी आग़ भाग बीजेपी भाग?

कर्नाटक विधानसभा के होने वाले 10 मई के वोटिंग के अब कुछ ही दिन शेष है,, एग्जिट पोल में कांग्रेस को बहुमत बताया जा रहा है,। उसका कारण यह भी है 1985 के बाद कोई भी सरकार दोबारा रिपीट नहीं कर पाई है। वहां घोषणापत्र के हिसाब से बेरोजगारी महंगाई, मुद्दा है। वहां आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में कुछ समझौता हुआ है ऐसा महसूस हो रहा है। राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी अपनी उपस्थिति के लिए चुनाव लड़ रही है और उनका प्रचार-प्रसार एवं घोषणा पत्र ज्यादा नहीं आ रहा है कर्नाटक से। 1 दिन केवल पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान प्रचार के लिए गए थे, प्रत्येक चौथा मतदाता गरीबी रेखा के नीचे है और उन्हीं के लिए मुफ्त राशन का घोषणा हुआ है दोनों पार्टी भाजपा और कांग्रेस ने किया है। ऐसा घोषणा पत्र होना मतलब सरकार और विपक्ष को भी मालूम है वहां की पब्लिक की माली हालत ठीक नहीं है। बीजेपी ने घोषणा किया है त्योहारों में 1 साल में तीन सिलेंडर मुक्त देंगे, मतलब वहां के नागरिक 1200 सौ₹ का सिलेंडर खरीदने की क्षमता नहीं है यह बीजेपी के घोषणा पत्र से स्पष्ट होता है अपना त्यौहार भी अपने पैसे से नहीं मना सकते। बीजेपी का एक और घोषणा पत्र किसानों को बीज, देंगे, मतलब बीजेपी के घोषणापत्र के हिसाब से स्पष्ट होता है किसानों की आय दोगुनी नहीं हुई है तभी ऐसा घोषणापत्र हुआ है 2022 तक किसानों की आय आमदनी दोगूनी करने का वादा हुआ था, एग्जिट पोल हिसाब से सब का मूल्यांकन करें तो, कांग्रेस 115 से 130 सीट, बीजेपी को 60 से 70 सीट, और जेडीएस को 20 से 25 सीट मिलने की संभावना एग्जिट पोल बता रहे हैं। कांग्रेस ने महिलाओं को सम्मान राशि एवं 200 यूनिट बिजली मुफ्त एवं बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता एवं कई महत्वपूर्ण चुनावी वादा किए हैं। भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस को कर्नाटक से काफी उम्मीद भी है।

कर्नाटक में बीजेपी को बागी तेवर वाले कैंडिडेट ज्यादा दिक्कत में डाल रहे हैं जो चुनाव के पहले अपना खर्च एवं तैयारी कर लेते हैं लेकिन उनको टिकट नहीं मिलता है, अगर सत्ता विरोधी लहर रहती है,तो राजनीतिक पार्टियां रईस कैंडिडेट को मैदान में उतारती हैं, जो चुनावी मैदान में पैसा खर्च कर सके। पार्टी और संगठन को फंडिंग और चला सके, कर्नाटक में बीजेपी का उम्मीदवारों का लिस्ट देखें तो बिल्कुल इसी प्रकार है, बीजेपी के कई बागी उम्मीदवार हैं जो मैदान में चुनाव लड़ रहे हैं बिल्कुल हिमाचल प्रदेश की तरह, वह मुश्किल खड़ी कर रहे हैं एवं बीजेपी के पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, टिकट नहीं मिलने के कारण कांग्रेस में शामिल हो गए कांग्रेस मनोवैज्ञानिक तौर पर मजबूत दिखाई दे रही है। भाजपा को पूंजीपति वर्ग एवं अपार कास्ट का वोंट, परफेक्ट मिलता है और उन्हें उनका मुख्य जनाधार वाला वोट है। बाकी ओबीसी वर्ग दलित आदिवासी लोक लुभावन वादों से आ जाते हैं।

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