राजनीतिक विशेषज्ञ गोल्डन कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव आज समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से आने वाला 2024 आम चुनाव के लिए सहमति के लिए भेंट मुलाकात हुआ अखिलेश यादव ने दी देश को महंगाई एवं संविधान विरोधी मानसिकता के लिए बीजेपी को देखते हुए एकजुटता की बात में सहमति बनी। नीतीश कुमार उससे पहले बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात हुआ और सार्थक परिणाम मिलने का उम्मीद किए। उससे पहले नीतीश कुमार कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे एवं राहुल गांधी से भी मुलाकात कर चुके हैं। एवं उसके बाद दिल्ली में ही आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से भी मुलाकात किए थे। कर्नाटक चुनाव परिणाम के बाद आने वाला समय का राजनीतिक का आगे का दिशा तय हो सकता है। लेकिन इस गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा यह असमंजस की स्थिति है। यह गठबंधन तभी सफल हो सकती है जब आम चुनाव में कांग्रेस एवं क्षेत्रीय दल को अपने क्षेत्र को छोड़कर के अन्य क्षेत्र में चुनाव नहीं लड़ना होगा और कांग्रेस को भी क्षेत्रीय क्षत्रप जहां मजबूत है अपना कैंडिडेट नहीं उतारना होगा। बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का संयुक्त उम्मीदवार पर सहमति होना जरूरी है। बीजेपी तभी चुनाव जीती है तब राजनीतिक पार्टियां आपस में चुनाव लड़ती है। नरेंद्र मोदी को हराना उतना ही चुनौती हो गया है जितना उस समय इंदिरा गांधी को था। उस समय 24 पार्टियों का गठबंधन बना था अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व में। यूपी और बिहार में कांग्रेस का वोट परसेंट घट गया है। के केवल हम पांच परसेंट मौत बचे हैं। ऐसे में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश एवं बिहार में कम सीटों पर संतुष्ट करना होगा। एवं पश्चिम बंगाल महाराष्ट्र में ऐसी स्थिति है। जहां बीजेपी और कांग्रेस का सीधा मुकाबला है वहां संयुक्त उम्मीदवार यह समर्थन कांग्रेस को देना होगा तभी गठबंधन सफल हो सकता है। जैसे हिमाचल प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश गुजरात कर्नाटक। यह सब सफल हो सकता है लेकिन आज भी एक चीज में बिल्कुल अभी भी रुकावट है वह है आम आदमी पार्टी क्या कांग्रेस आम आदमी पार्टी के लिए दिल्ली और पंजाब एवं गुजरात में कुछ सीटें छोड़ सकती है। आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया और जैन, ed सीबीआई ने गिरफ्तार किया तब कांग्रेस ने उसको समर्थन किया और स्वागत किया। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में आज भी मतभेद है। आम आदमी पार्टी कांग्रेस से संघर्ष करके राष्ट्रीय पार्टी बन गई है और कांग्रेस के वोट बैंक में काफी सेंधमारी भी करती है वह चुनाव परिणाम में खुद दिखाई देता है। पर आम आदमी पार्टी होने वाला कर्नाटक के चुनाव में भी चुनाव लड़ रही है और राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ में भी मजबूती से चुनाव लड़ने की तैयारी में है क्या अब आम आदमी पार्टी सहमति कांग्रेस ने बन सकती है या नहीं यह आने वाला समय में ही पता चलेगा। अब कुछ छात्र और बचे हैं जैसे तेलंगाना के केसीआर और उड़ीसा के नवीन पटनायक। और आंध्र प्रदेश के जगन मोहन रेड्डी, चंद्रबाबू नायडू एवं जम्मू कश्मीर में फारुख अब्दुल्ला। अब क्षेत्रीय पार्टियां आने वाला समय में किसको समर्थन करते हैं या 24 के आम चुनाव में ही पता चलेगा।
- दिल्ली का स्थिति इस प्रकार हो गया है अपने दम पर मजबूत सरकार बना ही नहीं सकती? और बीजेपी का भी बनना आने वाला समय में मुश्किल दिखाई दे रहा है। यानी मिली जुली सरकार ही बन सकती है और मिली जुली सरकार तभी चलती है जब उसका बेस मजबूत हो आधार मजबूत हो, और चलाने वाला भी मजबूत हो, गुरु ग्लोबल न्यूज़ के संपादक गोल्डन कुमार के हीरो होंडा स्प्लेंडर +की तरह।
- बीजेपी ऐसी पार्टी है स्मार्टफोन की तरह समय-समय पर अपने आप ही अपडेट होते रहती है बीजेपी को बीजेपी हराएगी, नरेंद्र मोदी भी आडवाणी की तरह तिनके की तरह समय आने पर बाहर निकल जाएंगे, मनोवैज्ञानिक ढंग से देखें तो बीजेपी के जो बेस हैं आधार हैं और नेता योगी मॉडल अपनाने लग गए हैं और योगी का हो योगी आदित्यनाथ का उत्तराधिकारी मानने लग गए। पार्टी में कोई परिवारवाद नहीं है तो आने वाला समय में योगी आदित्यनाथ पार्टी का नेतृत्व कर सकते है।