रिपोर्ट:-राजनीतिक विशेषज्ञ गोल्डन कुमार,राजनीति और क्रिकेट का खेल अनिश्चिताओं का खेल कहते हैं इसमें कुछ भी हो सकता है। राजनीति में तीन चीज महत्वपूर्ण होते हैं पैसा पावर और पॉलिसी। पैसा का मतलब फंड पावर का मतलब शक्ति और पॉलिसी का मतलब अच्छा विचारधारा। इसके अलावा साम दाम दंड भेद। इसके अलावा दो और अध्याय जुड़ चुके हैं और है तिकड़मबाजी और कूटनीति। राजनीतिक पार्टियों को फंडिंग कॉर्पोरेट करते हैं और सरकार में आने के बाद सिस्टम ब्यूरोक्रेट चलाती है यह तो आजादी के अब तक यही हो रहा है। राजनीति के रेस में वही घोड़े पर दाव लगता है जब तेज दौड़ता है तेज भागता है। और जिसमें जीत का भरोसा है। राजनीति भी एक प्रकार का जुवां है हार जीत तो लगी रहती है। राजनीति 5 साल में आता है लेकिन खेती छह छह महीनों में फसल काट सकते। अगर राजनीति में 5 साल बाद मौका नहीं मिला तो 5 साल तक आप इंतजार कर सकते हैं इसके अलावा कुछ नहीं कर सकते। लेकिन राजनीति के खेल में बेहतर पॉलीटिशियन वही होता है जो मौका देखकर चौका मारे। और हवाओं को भाप सके। अगर इलेक्शन में कहीं क्लीन बोल्ड हो गए तो कैरियर खत्म होने का भी डर रहता है। यह पूरा समाचार छत्तीसगढ़ के जनता कांग्रेस के लिए है जो फिलहाल जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रही है। छत्तीसगढ़ के कुछ ही सीमित क्षेत्र में बस उनका गतिविधि दिखाई देता है। के कुछ नेता कांग्रेस में आ गए हैं कुछ नेता भाजपा में आ गए हैं और कुछ नेता कन्फ्यूजन में है कि आगे क्या करें? 13 मई को कर्नाटक विधानसभा के परिणाम आते ही छत्तीसगढ़ का राजनीति काफी हावी हो जाएगा। कौन जीतेगा कौन हारेगा वह तो छत्तीसगढ़ की जनता तय करेगी। राजनीति में सभी पार्टियां घोषणा करेंगे पर भरोसा किस पार्टी पर होगा या छत्तीसगढ़ की जनता तय करेगी। छत्तीसगढ़ अभी 15 साल भाजपा, शुरू से देखें तो लगभग 8 साल का कांग्रेस का शासन देख चुकी है। अब तक के राजनीतिक परिणाम को देखें तो क्षेत्रीय पार्टियों को 5 परसेंट से अधिक वोट परसेंट नहीं मिला है और जनता कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन करने पर 12 परसेंट वोट शेयर हासिल किया था वह आने वाला समय के लिए महत्वपूर्ण है। अमित जोगी जो अभी जनता कांग्रेस के प्रमुख हैं उनको राजनीति विरासत में मिला है, उनके पिताजी स्वर्गीय अजीत प्रमोद कुमार जोगी के पास काबिलियत थी बुद्धि था, राजनीति का तेज दिमाग था, पूरे देश भर में राजनीति के विरासत राजनीति में सक्सेसफुल नेता की बात करें तो उत्तर प्रदेश से अखिलेश यादव और बिहार से तेजस्वी यादव और तमिलनाडु से एम के स्टाइलिंन, और केवल कुछ हद तक झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ही सक्सेज हुए हैं।निष्पक्ष मडिया के लिए सहायता करें।? विरासत में केवल पिताजी का रुपया पैसा संपत्ति चल अचल बिल्कुल मिल सकता है लेकिन राजनीति में काबिलियत खुद बनाना पड़ता है। यहां अपने ही विरोधी होते हैं पेल ,धकेल कर ऊपर उठना पड़ता है आगे बढ़ना पड़ता है। कोई किसी को मौका नहीं देता यह मौका खुद छिनना पडता है लड़ना पड़ता है। भारत के इतिहास को देखें जिसके नाम से अशोक चक्र है अशोक स्तंभ है आज भी राष्ट्रीय प्रतीक है सम्राट अशोक ने भी अपने कई भाइयों का हत्या इसलिए कर दिया था क्योंकि मूर्ख राजा नहीं बनना चाहिए यह बहुत आने वाला समय के लिए खतरनाक है। खैर अब तो लोकतंत्र है जनता को अपना नेता चुना है। पूरे भारतवर्ष में साम्राज्य विस्तार करने के बाद खुद उनका बाद में हृदय परिवर्तन हुआ और बौद्ध धर्म अपना लिए और सत्य और अहिंसा शांति का प्रतीक बने।