छत्तीसगढ़ के पूर्व पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर मनोवैज्ञानिक ढंग से अध्ययन करें तो उनके ट्विटर से पता चल रहा है उनका हार का एहसास हो गया है। जबसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 20 कुंटल किसानों को प्रति एकड़ धान खरीदने का 2023 सत्र में घोषणा कीये है। अब तो दो हजार अट्ठारह के चुनाव में भाजपा को जितना वोट परसेंट मिला था उसको बचाने के लिए चुनाव में संघर्ष करना पड़ेगा लगता है। छत्तीसगढ़ की जनता कोई मूर्ख नहीं है उन्होंने भाजपा का 15 साल का शासन काल देख चुकी है। छत्तीसगढ़ जनता को मालूम है पिछले 2 साल का धान का बोनस जो ₹300 प्रति कुंटल था उसको दे नहीं दे पाई। भाजपा को किसानों का भरोसा जीतना बहुत मुश्किल एवं टेढ़ी खीर साबित होगा। छत्तीसगढ़ किसानों को मालूम है केंद्र में भाजपा की सरकार ही खलनायक है अगर केंद्र में सरकार बदलती है तो छत्तीसगढ़ जनता को और उम्मीद अब बढ़ेगी। आने वाला घोषणा पत्र में कांग्रेस केंद्र के हिसाब से ही घोषणा पत्र बनाएगी। रही बात बेरोजगारों की जो केंद्र भाजपा सरकार में 2कड़ोड़ प्रतिवर्ष नौकरी एवं 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था जो किसानों की महंगाई और बढ़ रही है ना कोई हमदानी बढा़ है। पूरे देश भर के मूल्यांकन करें तो छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा धान का भाव मिल रहा है। छत्तीसगढ़ के चुनाव में किसान ही हार जीत का तय करते हैं। बीजेपी भी यही जानती है क्योंकि 2018 विधानसभा की करारी हार झेल चुकी है।