मीडिया लोकतंत्र एवं समाज का आईना है।

_मीडिया में एक दूसरे से साझा करने के लिए काम करना चाहिए एक दूसरे की जानकारी को सजा हो सकती है_**मीडिया में एक दूसरे के अंतर्विरोध से समाज आगे नहीं बढ़ सकता****मीडिया को निष्पक्ष रहना चाहिए,, मीडिया वाले ही नेताओं की तरह एक दूसरे की टांग खींचने लग जाएंगे तो मीडिया और नेता में अंतर क्या होगा****हर आदमी का अलग अलग विचारधारा होता है,, हर आदमी स्वाभिमान और सम्मान के लिए ही काम करता है पैसा हर चीज काम पर अब महत्व नहीं है**_छोटी-छोटी बातों को बड़ा ना बनाएं और शांति से काम करना चाहिए__हम सेशन कोर्ट से हाईकोर्ट के बड़े-बड़े मामले ऑनलाइन स्टडी करते हैं तो एक चीज स्पष्ट होता है मामला थाना में ही राजीनामा हो जाए समझौता हो जाए उससे बड़ा बेस्ट कुछ नहीं है,, मामला को जितना तहकीकात करोगे शाखाएं बढ़ती जाती है,,जज जज कर ही नहीं सकता,,_

आसाराम बापू को देखो उन पर कितना बड़ा आरोप लगा था उसका पूरा कैरयर खराब हो गया लेकिन अब मामला में लड़की जो आरोप लगाई थी 12 साल पहले रेप हुआ था अपने बयान में लगातार पलटते रही कभी गुरु पूर्णिमा के दिन का कभी जन्माष्टमी भी दिन का उसके कुछ दिन बाद कहा इस तरह केवल आसाराम बापू को बर्बाद कर दिए उसके अनुयायी बार बार कहे थे यह फर्जी आरोप है और आज भी आसाराम बापू को मान रहे हैं और अब निष्पक्ष यह साबित हो गया कि आसाराम बापू निर्दोष है कोर्ट का फैसला। किसी के मामले के आरोप को जब तक दोनों पक्ष ना सुना जाए उसको सही नहीं माना जा सकता।

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