क्षेत्र के जाने-माने सोशल मीडिया एक्टिविस्ट गोल्डन कुमार लगातार सोशल मीडिया के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार के बजट के बाद से किसानों का बकाया बोनस के बारे में निवेदन कर रहे हैं। उनका कहना है और मालूम भी है पूरे छत्तीसगढ़ को छत्तीसगढ़ सरकार का बजट वित्तीय हालत का हवाला मिल रहा है, लेकिन सरकार और कर्ज लेकर के किसानों का घोषणा पत्र कम से कम 1 साल का बकाया बोनस दे सकती है। घोषणापत्र पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज भी ले सकती है और पूरा कर सकती है। कांग्रेस के बड़े नेताओं को जमीनी स्तर के बारे में उतना जानकारी नहीं है बोनस का आज कई सालों से किसान आस लगा रहे थे जो कांग्रेस सरकार की घोषणा पत्र में थी,इसे कांग्रेस सरकार के तरफ कुछ किसानों का गलतफहमी और अफवाह जा रहा है एवं विश्वास भी थोड़ा डगमगा रहा है। एवं प्रभावित किसान कांग्रेस पार्टी से अलग पार्टी में उनका मन जा सकता है एवं किसानों का वोट जो एकतरफा पिछले चुनाव में किए थे अलग-अलग पार्टी में बट जाएंगे। ऐसे में कड़े मुकाबले में जहां कांग्रेस पार्टी कम वोटों से कुछ हजार वोटों से पिछले दो हजार अट्ठारह चुनाव जीती थी वह चुनाव प्रभावित हो सकता है। एवं विधानसभा 2023 के परिणाम में कांग्रेस की सीटें भी इससे घट सकती हैं।**यहां तक कि सरकार को कर्ज के अलावा दारू का रेट बड़ा करके भी घोषणापत्र पूरा किया जा सकता है आचार संहिता लगने से पहले, प्लेन का क्वार्टर अभी ₹80 मिल रहा है उसे ₹100 कर सकते हैं, अंग्रेजी दारू के क्वार्टर एवं बोतल के दाम में भी वृद्धि करके किसानों 2018 के घोषणा पत्र धान बकाया बोनस को दिया जा सकता है, एवं शराबबंदी नहीं करना चाहिए इसमें राजस्व नुकसान हो सकता है एवं ब्लैक मार्केट में कालाबाजारी दारू की कालाबाजारी बढ़ सकती है एवं अन्य राज्यों से इसकी आवाजाही एवं स्मगलिंग भी बढ़ सकती है, जो छत्तीसगढ़ के वित्तीय स्थिति को देखते हुए काफी राजस्व नुकसान है।**