देश के आजादी की इतिहास में, ऐसा पहली बार हो रहा है जनगणना देश में नहीं हो रहा है, सरकार केंद्र की बीजेपी सरकार बहाना बना रही है कोविड-19 का, कोविड-19 में दुनिया में हर काम हो रहा है बस जनगणना बस नहीं हो सकता, लेकिन ऐसा लगता है सरकार जानबूझकर जनगणना नहीं करना चाहती, सन 2011 में यूपीए की कांग्रेस सरकार ने जनगणना कराया था पर 2014 में बीजेपी के सरकार आने के बाद यह आंकड़ा आर्थिक एवं सामाजिक आंकड़े की ही सार्वजनिक किए जातिगत आंकड़े भाजपा सरकार ने देश को सामने छुपा कर रख दिया। देश के पास अभी जो भी आंकड़े हैं जो भी आंकड़े दिखाई देते हैं वह 2011 के हैं, देश में कई प्रकार के पिछले इतिहास में परिस्थिति आया पर जनगणना किसी भी सरकार ने रोकने का काम नहीं किया। अब केंद्र की मोदी सरकार पिछड़ा वर्ग आदिवासी एसटी एससी ओबीसी बिल्कुल विरोधी दिखाई दे रहा है। देश और दुनिया के सामने भारत के आंकड़े दिखाई नहीं दे रहे हैं, अपने शासन में क्या विकास किए कितना प्रोग्रेस आया कितने लोग गरीबी रेखा से बाहर आए या और गरीबी में चले गए हैं, सरकारी नौकरी करने वालों की संख्या कितनी है खेती किसानी करने वालों की संख्या कितनी है मजदूरी करने वाले की संख्या कितनी है भूमिहीन कितने हैं कितने लोग प्राइवेट नौकरी कर रहे हैं कितने लोगों का छोटे व्यवसाय कर रहे हैं, कुछ राज्य में जनगणना हो रहा है पर जातिगत जनगणना नहीं हो रहा है और बाकी सब ऊपर लिखा गया है सब चीज का आंकड़ा सामने में लाया जा रहा है,। भारतीय जनता पार्टी के नेता बयान दे रहे हैं जनगणना से सामाजिक विरोध की भावना जातिगत जनगणना से आएगा। 1962, 1965 भारत और चाइना का युद्ध फिर भी जनगणना देश में नहीं रुका। 1971 पाकिस्तान से युद्ध फिर बांग्लादेश नया बना, फिर भी जनगणना नहीं रुका। सबसे पहले इस देश की लोकतंत्र की चौथा स्तंभ माने जाने वाली मीडिया बिल्कुल सरकार के हिसाब से काम कर रही है सरकार के नकेल में आ गई है और विपक्ष इस देश में कमजोर है यह स्थिति परिस्थिति अंग्रेज सरकार जैसा दिखाई दे रहा है जैसे तानाशाही की सत्ता लोकतंत्र में जनता ने बीजेपी को दे दिया। सार्वजनिक उपक्रम सरकारी संपत्तियां को ही निजी क्षेत्र के हवाले कर रहे हैं ताकि आरक्षण ऐसा ही समाप्त हो जाए। लेटर,सिस्टम से सरकारी नियुक्ति यह संविधान के खिलाफ है। तो बीजेपी के आने से देश का संविधान का परिभाषा ही बदल गया। ऐसे विरोध करने वालों को देशद्रोही राष्ट्र विरोधी का ठप्पा लगा देते हैं,। ऐसा लगता है जो बीजेपी का विरोध करता है वह देशद्रोही है। बीजेपी देश है,। ऐसे कहते हैं जैसे इनके अलावा कोई सत्ता में दूसरा आ ही नहीं सकता। ऐसे बात करते हैं हमेशा दिल्ली की सत्ता में यही भाजपा वाले ही रहेंगे। दुनिया के अन्य देश ने अनुमान लगाया था वह 2023 में चाइना को जनसंख्या में पीछे छोड़ देगा, ऐसे आंकड़े सामने आ रहे हैं इस देश से बड़े बड़े पूंजीपति वर्ग छोड़ दे छोड़ कर के अन्य देश में जा रहे हैं और इस देश से प्रवासी भारतीयों की संख्या दुनिया में सबसे अधिक भारत से है, यहां नौकरी और समस्या को देखते हुए देश छोड़कर के विदेश जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है कोई अमेरिका ऑस्ट्रेलिया कनाडा दुनिया के अन्य देश में वही परिवार सहित शिफ्ट हो रहे हैं, देश की नागरिकता छोड़ रहे हैं। केंद्र सरकार मुक्ता में राशन को अपना उपलब्धि बता रही है और जनगणना एवं आर्थिक परिस्थिति आंकड़े आने के बाद ही इसमें भी संख्या बढ़ सकती। फिलहाल आर्थिक मंदी देश की आर्थिक स्थिति फिलहाल खराब है सेना में भी अग्निवीर योजना लाना पड़ा 4 साल के लिए नौकरी अब आने वाला समय में सरकारी नौकरी का रिटायरमेंट का उम्र 50 साल भी हो सकता है।