केंद्रीय जांच एजेंसी EDने 2 दिसंबर को कथित घोटाले के केस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के उप सचिव रह चुकी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार कर लिया गया है। इधर झारखंड की आईएएस अफसर पूजा सिंघल की भी मुश्किलें बढ़ती जा रही है। इनके अलावा छत्तीसगढ़ कई अफसर गिरफ्तार पहले से हो चुके हैं। जहां विपक्ष की सरकार है केंद्रीय एजेंसी के कार्य के बारे में विपक्ष के द्वारा दुरुपयोग के आरोप लगते हैं। भ्रष्टाचार के मामले केस बहुत लंबा चलता है। आजादी के अब तक के इतिहास में भारत में अफसरशाही हमेशा हावी रहा है। जिनके हाथों में पूरा सिस्टम रहता है वहीं भ्रष्टाचार में लिप्त होना यह लोकतंत्र के लिए बहुत खतरनाक है। भ्रष्टाचार के मामले में संसद में विशेष कानून बनाकर इसमें ठोस कार्रवाई हो भ्रष्टाचार में मामले सख्त से सख्त कार्रवाई का नियम बनाना चाहिए। भ्रष्टाचार की सुनवाई एवं जांच का समय अवधि तय करना का नियम बनाना चाहिए ताकि समय पर न्याय मिल सके मामला लंबा ना चले। जो भी इसमें संलिप्त है उसके ऊपर ठोस कानूनी कार्रवाई होना चाहिए। पंचायत हो या पार्लियामेंट जनपद हो या जिला। भ्रष्टाचार ऐसा लगता है कि लोकतंत्र का हिस्सा बन चुका है बिना भ्रष्टाचार के लोकतंत्र संभव नहीं है ऐसा लगता है। सरकारे बदलती हैं लेकिन भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी नहीं बदलते हैं चेहरा बदलता है पर भ्रष्टाचार के मामले मिलते ही रहते हैं। पंचायत में अगर भ्रष्टाचार होता है तो पुलिस जांच नहीं करेगी एसडीएम जांच करेंगे। एसडीएम एवं डिप्टी कलेक्टर भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाते हैं तो केवल एंटी करप्शन ब्यूरो ही करवाई कर सकती है। लोकल पुलिस नहीं। एवं आईएएस आईपीएस भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए जाते हैं तो केवल केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी सीबीआई की कार्रवाई कर सकती है। एंटी करप्शन ब्यूरो देश के हर जिले में मौजूद नहीं है और यही कुछ संविधानिक चुकी है जो आजादी के 75 साल के बाद भी नहीं सुधरा है। भ्रष्टाचारी कोई भी हो एक पुलिस का हेड कांस्टेबल या पुलिस का सब इंस्पेक्टर इस पर कानूनी कार्रवाई कर सके ऐसा नियम बनाना चाहिए पर यह नहीं है।
Cmभूपेश बघेल के उपसचिव सौम्या चौरसिया को प्रवर्तन निदेशालय ने किया गिरफ्तार।
