17 दिसंबर 2022 छत्तीसगढ़ सरकार के 4 साल के उपलब्धि गिनाने का समय आ गया है। पूरे 2 साल कोविड-19 काल में बीत गया यह पूरे छत्तीसगढ़ को जनता को मालूम है। इस बीच कई समस्याएं जिला जनपद एवं अनुभागिय स्तर पर आ रहे हैं। समस्या दो प्रकार की होती है व्यक्तिगत समस्या और जन समूह की समस्या। मुख्यमंत्री का गरियाबंद जिला दौरा कार्यक्रम का संदेश पीडीएफ के माध्यम से आया था और पूरा कार्यक्रम का विवरण था लेकिन इसमें किसी भी अधिकारी कर्मचारी सीएमओ स्तर के सचिव मुख्य सचिव किसी भी अधिकारी का सिग्नेचर नहीं था। तो यह जांच का विषय है यह मैसेज किसने जारी किया। दूसरी बात है जिला स्तर पर अधिकारी सतर्क पहले से हो गए और अपने स्तर पर कार्य करने लग गए यहां तक के हेलीपैड और टेंट भी लग गया था। गरियाबंद जिले के अंतर्गत पूरे पब्लिक अपना-अपना एप्लीकेशन प्रिंट आउट करवा चुके थे। सबका बैनर पोस्टर भी तैयार हो चुका था, सबका एप्लीकेशन तैयार था और मुख्यमंत्री का अचानक दौरा कैंसिल हो गया। फिर विकासखंड स्तर पर रविवार छुट्टी के दिन भी अधिकारी कर्मचारी जन समस्या निवारण शिविर लगाने लग गए। आज तो डिजिटल इंडिया है मुख्यमंत्री के पास सीधे ईमेल के जरिए संदेश और शिकायत जा सकता है जनसमूह और व्यक्तिगत समस्या भी जा सकती है। तामझाम करके जनता का पैसा भी खर्च सरकारी पैसे से होती है जिसमें अलग-अलग जरिए खर्च होता है। छत्तीसगढ़ सरकार कर्जा में चल रही है, फिजूलखर्ची कम करना चाहिए। जनपद एवं जिला जिला पंचायत में हो रहे ऑनलाइन डिजिटल ऐप के माध्यम से होना चाहिए जो समस्या सीधे कोई भी ऊपर के अधिकारी देख सके एवं मुख्यमंत्री सीएमओ कार्यालय के भी अधिकारी देख सके अलग-अलग विभाग से कितने मामले शिकायत आ रहे हैं पर ऐसा छत्तीसगढ़ सरकार फिलहाल नहीं कर रही। जो एप्लीकेशन जिला में जाएगा केवल वही अधिकारी के पास सीमित रहता है मामला आगे जा रहा है या नहीं जा रहा है पता नहीं चलता यह केवल ऑनलाइन डिजिटल तरीके के शिकायत में मामला सबको दिखाई देगा। छत्तीसगढ़ सरकार को मुख्यमंत्री को चाहिए, सॉफ्टवेयर इंजीनियर से मदद ले कर के एक ऐसा ऐप तैयार करें मुख्यमंत्री जी के पास सीधे बात जनता का पहुंच सके उसके बाद वहीं से ऑनलाइन तरीके से निराकरण करने का आदेश जारी करें एवं व्यक्तिगत समस्या जनसमूह की समस्या का निराकरण हो सकता है। गरियाबंद जिले में मुख्य समस्या जो समस्या का निराकरण कर सकते हैं वही कार्यालय में नहीं बैठते हैं मात्र 1 दिन आते हैं एसडीएम कार्यालय छुरा। तहसील छुरा में क्षतिपर्ति राशि के मामले पेंडिंग है। गरियाबंद जिले में डायल 112 सर्विस चालू नहीं हुआ है। किसानों की लो वोल्टेज समस्या से निपटने के लिए 132kv बिजली लाइन ,एवं पुलिस थानों में पेट्रोलिंग वाहन की कमी है। और कई समस्याएं हैं जो केवल मुख्यमंत्री ऑनलाइन तरीके से ले सकते हैं उसके लिए तत्काल डिजिटल ऐप तैयार करना चाहिए। उस के माध्यम से आम जनता शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
डिजिटल इंडिया में भेंट मुलाकात क्यों?
