भारत एक लोकतांत्रिक देश है सीबीआई इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एवं प्रवर्तन निदेशालय संवैधानिक संस्था है, पर इसका दुरुपयोग होगा पहले भी जब कांग्रेस की सरकार थी विपक्ष के द्वारा आरोप लगते रहे हैं। आज केंद्र में बीजेपी का सरकार है। इसका दुरुपयोग कहो या राजनीतिक सही इस्तेमाल पहले भी हो रहा था और आज भी हो रहा है और आगे भी हो सकता है। अब यह स्पष्ट हो चुका है। जहां बीजेपी का सरकार नहीं है, जैसे बिहार पश्चिम बंगाल झारखंड छत्तीसगढ़ एवं महाराष्ट्र में इसका दुरुपयोग से सरकार बनाने का भी आरोप विपक्ष के द्वारा लगता है। प्रवर्तन निदेशालय इनकम टैक्स एवं सीबीआई बिल्कुल देश में स्पष्ट हो चुका है बीजेपी के किसी भी नेता के ऊपर कोई कार्यवाही ना करना एवं जो नेता बीजेपी में शामिल हो गए हैं जो विपक्ष में थे उनके ऊपर भी किसी भी प्रकार का कार्रवाई ना करना एवं उनके आरोप को बिल्कुल कोई केस अपने कोर्ट में ना चलाना, छत्तीसगढ़ में आईएएस अधिकारियों के छापेमारी से बिल्कुल स्पष्ट हो चुका है। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्थानीय अधिकारियों को दबाव एवं परेशान करने का आरोप लगाए हैं। आरोप-प्रत्यारोप आप लगा सकते हैं एवं उसको कोर्ट में साबित करना यह बहुत बड़ा मुद्दा एवं बात है। केंद्र की सीबीआई कई ऐसे केस की जांच कर रही है उसके नतीजे पर अभी तक नहीं आई, केंद्र में सरकार कांग्रेस का था सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर सरकार एवं विपक्ष को राजनीतिक दबाव बनाने का भी आरोप लगते हैं मुलायम सिंह यादव लालू प्रसाद यादव एवं मायावती के ऊपर भी राजनीतिक इस्तेमाल का भी आरोप लगते थे, अगर केंद्र में सरकार बदल गई जो काम अभी वर्तमान सरकार कर रही है वहीं विपक्ष अगर सरकार में आ जाएगी वैसा ही काम करेगी तो जनता को ऐसा ही लगेगा जिसका दिल्ली में सरकार है सीबीआई इनकम टैक्स एवं प्रवर्तन निदेशालय का राजनीतिक उपयोग कर रही है। अब जनता को स्पष्ट हो जाएगा संवैधानिक संस्था संवैधानिक संस्था नहीं रही बल्कि केंद्र सरकार के हिसाब से काम करने वाली संस्था है ऐसा स्पष्ट हो जाएगा। और यह लोकतंत्र के लिए बहुत घातक है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी के ऊपर भी उनके नेता के ऊपर इनकम टैक्स सीबीआई जांच चल रही है आम आदमी पार्टी के ऊपर भी करप्शन के आरोप लगते आ रहे हैं जबकि वह जनता के सामने नो करप्शन भ्रष्टाचार का दावा करती है,। राजनीतिक भ्रष्टाचार एवं करप्शन में एवं अफसरशाही में भारत दुनिया में नंबर वन है। यह तो स्पष्ट है। आजादी के 75 साल बाद भी भारत में करप्शन के खिलाफ कोई ठोस कानून अभी तक नहीं बना है। करप्शन के केस में कोई फास्ट ट्रेक कोर्ट नहीं है इसका अलग से जांच करने वाला कोई और नहीं है ना अलग से जांच करने वाला कोई संस्था है। ना भारत में ऐसा कोई संस्था है जो बिना किसी के दबाव में काम करें। देश में अब ऐसा हो गया है कोई कार्यवाही कानूनी कारवाही नहीं जबकि राजनीतिक करवाही जैसा लगने लग गया है। भारत लोकतांत्रिक देश है सिस्टम सरकार चलाती है, सरकार ब्यूरोक्रेट से चलती है, और जिसका सरकार है ब्यूरोक्रेट उसी के हिसाब से चलने लग गए हैं चाहे किसी का भी सरकार रहे। यहां पर कौन सही है कौन गलत है इसका फैसला नहीं हो पा रहा है। हम भी करप्शन के आरोप में एवं कमीशन खोरी भ्रष्टाचार के आरोप में स्थानीय जनपद छुराceo से लेकर के जिला गरियाबंद कलेक्टर तक भी गए पर कलेक्टर एवं स्थानीय अधिकारी ऐसे व्यवहार करते हैं जैसे करप्शन कुछ नहीं है बल्कि करप्शन के आगे बिल्कुल कुछ नहीं बोलते ऐसा लगता है जैसे उनका भी इसमें शेयर है, इन अधिकारियों को सब कुछ मालूम रहता है बल्कि पहले अपने अधिकारियों को बचाने में लगते हैं फिर जांच को बहुत लेटलतीफी एवं ऐसे मामले पर जांच बहुत देर करकेअभी का काम होता है,। 5 साल में सरकार बदलती है परंतु करप्शन का केस कोई ऐसा नियम अवधि संविधान में नहीं है कोई निश्चित टाइम टेबल नहीं है इतना दिन में जांच पूरा करना है केस नंबर चलता है। जिस सरकार पावर में आ जाएगी उसके हिसाब से कार्य और लंबा चलता है। इसका निश्चित समय में जांच एवं कार्यवाही पूरा हो जाएगा यह कोई स्पष्ट नहीं होती है मामला सत्र न्यायालय से लेकर के सुप्रीम कोर्ट तक भी जा सकते हैं पर भ्रष्टाचार पर कोई ठोस कानून अभी तक नहीं है,। लोकतंत्र में जनता ही मालिक होती है बिना स्थानीय नेता के संरक्षण में कोई भ्रष्टाचार हो ही नहीं सकता, पर ऐसा देश में कहां होता है।??????????