गौरतलब है कि प्रिंट मीडिया में खबर आया था धान खरीदी एवं किसानों के केसीसी कर्ज वसूली में गड़बड़ी करने वाला आरोपी पवन यादव को थाना छुरा ने गिरफ्तार किया, एवं न्यायिक हिरासत पर भेजा गया, भूपेंद्र यादव पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं,। बैंक में जो गड़बड़ी होती है मनी लॉन्ड्रिंग एवं वित्तीय गड़बड़ी पहले जांच पुलिस करती है उसके बाद जांच सही नतीजे नहीं आने पर इनकम टैक्स प्रवर्तन निदेशालय करती है। थाना छुरा सवालों के घेरे पर है। पुलिस उस एंगल से जांच नहीं कर रही है । किसानो का करजा समिति वसूल करती है केसीसी फाइनेंस बैंक करती है। केसीसी जमा करने के बाद फिर से कर्जा किसानों को मिलता है, जब किसान लोग अपना केसीसी कर्ज समिति में,जमा कर दिए थे, क्षेत्र के किसान लोग पुनः कर्ज लेने के लिए खड़मा बैंक के चक्कर लगा रहे थे,खड़मा बैंक इस मामले पर किसी भी प्रकार का जांच नहीं किया आखिर पैसा अब तक जमा क्यों नहीं हुआ। इस प्रशासन को किसानों के मामले पर गहन जांच करना चाहिए। इस मामले में जिसकी भी भूमिका संदिग्ध है उसके ऊपर तुरंत कानूनी कार्रवाई करना चाहिए, उस समय किसानो के करजा में नहीं जमा होने पर कई प्रकार का दिक्कत आया था, उनको केसीसी कर जा मिलने में अधिक समय लग गया।